दिल की बात
नव-नवोन्मेषशालिनी प्रतिभा की धनी और विलक्षण साहित्य-मनीषी डाॅ. कुमुद रामानंद बंसल को, फरवरी-2016 से पहले,
नव-नवोन्मेषशालिनी प्रतिभा की धनी और विलक्षण साहित्य-मनीषी डाॅ. कुमुद रामानंद बंसल को, फरवरी-2016 से पहले,
मेरे मन के आँगन में कई स्मृतियाँ आसन जमाए बैठी है ं। मैं उनका स्वागत
कविता के माध्यम से छोटे-छोटे लम्हों की तितलियाँ पकड़ने का प्रयास भी अनूठा होता है।
मन जोगिया’ जब से पढ़ने का अवसर मिला है, मन उद्वेलित है। झनझनाहट-सी हुई, बार-बार
सुश्री कुमुद रामानंद बंसल एक बहुमुखी प्रतिभा का सुपरिचित-सुप्रतिष्ठित नाम है, जो साहित्य-जगत् में आदर
इतिहास के प्रति हमारा दृष्टिकोण वैज्ञानिक कम, उबाऊ अधिक, सामान्य जन से दूर, कुछ गिनी-चुनी
दर्शन-निष्णात, अध्यात्मनिष्ठ, मनोविज्ञानवेत्ता, संस्कृति-प्रेमी, प्रकृति-अनुरागी, विश्वयात्री, राष्ट्र-आराधक, सामाजिक चिन्तक, शिक्षाशास्त्री, अधिवक्ता, प्राध्यापक, इतिहासकार, अनुवादक, सम्पादक,
‘अध्यात्म’ एक बहु-प्रचारित एवं बहुचर्चित विषय है। प्रातः-जागरण से लेकर रात्रि-विश्राम तक, किसी-न-किसी रूप में,
बहुमुखी प्रतिभा-सम्पन्न डॉ. कुमुद रामानंद बंसल, एक प्रतिष्ठित साहित्यकारके साथ-साथ, एक विवकेशील साहित्यशास्त्री भी हैं।
बहुपठित-बहुलिखित डॉ. कुमुद बंसल, प्रथमतः और अन्ततः, एक कवयित्रीही हैं – अब तक प्रकाशित उनके
Varn System : Original Concept and Distortions “Gentle Lady! What’s your name?” An unknown person,